“विकलांगता की समाप्ति” एक महत्वपूर्ण और उदार लक्ष्य है, जिसका अर्थ है कि समाज में ऐसी स्थिति बनाई जाए जिसमें विकलांगता के कारण किसी व्यक्ति को समाज से अलग नहीं किया जाए, और उसे समृद्धि, स्वतंत्रता, और अच्छे समाज में जीने का अधिकार हो। यह लक्ष्य सामाजिक न्याय, समाहिति, और समरसता की दिशा में होना चाहिए।
इस दिशा में कदम बढ़ाने के लिए निम्नलिखित कुछ कदम अच्छे हो सकते हैं:
- शिक्षा का समर्थन:
- समाज में विकलांग व्यक्तियों को सही शिक्षा सुनिश्चित करना चाहिए। विशेष शिक्षा सुविधाएं प्रदान करना और सामाजिक संबंधों को मजबूत करना महत्वपूर्ण है।
- रोजगार अवसर:
- विकलांग व्यक्तियों को समाज में समर्थन और समाहिति प्रदान करने के लिए उच्च शिक्षा और रोजगार अवसर प्रदान करना चाहिए।
- सामाजिक समाहिति:
- समाज में सभी के साथ समाहिति की भावना को बढ़ावा देना चाहिए, जिससे विकलांग व्यक्तियों को अपनी जगह मिल सके।
- सशक्तिकरण:
- विकलांग व्यक्तियों को समाज में सशक्त करना और उन्हें खुद के फैसलों को लेने की क्षमता प्रदान करना महत्वपूर्ण है।
- उदार सोच और जागरूकता:
- समाज में विकलांगता के प्रति उदार सोच और जागरूकता बढ़ाना चाहिए, ताकि लोग इसे सही समझें और समर्थन प्रदान करें।
- समाज में इंतेग्रेशन:
- विकलांग व्यक्तियों को समाज में पूरी तरह से इंतेग्रेट करना चाहिए, ताकि वे आत्मनिर्भरता का अनुभव कर सकें।
- अनुसंधान और नैतिक आदर्श:
- विकलांगता के क्षेत्र में अधिक अनुसंधान करना चाहिए ताकि उच्चतम गुणवत्ता वाली सेवाएं प्रदान की जा सकें। इसके साथ ही, नैतिक आदर्शों को बढ़ावा देना चाहिए।
- सामाजिक समर्थन और समर्थन ग्रुप:
- विकलांग व्यक्तियों के लिए सामाजिक समर्थन ग्रुप और समर्थन सेवाएं प्रदान करना चाहिए, जो उन्हें समाज में समर्थ बनाए रखें।
- कानूनी सुरक्षा और अधिकार:
- कानूनी सुरक्षा और विकलांग व्यक्तियों के अधिकारों की सुनिश्चित करना चाहिए, ताकि उन्हें समाज में समाहिति मिल सके।
ये कदम समाज में विकलांगता की समाप्ति की दिशा में बढ़ाने में सहायक हो सकते हैं और एक समृद्ध और उदार समाज की दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं।