बिलकुल, मंदबुद्धि और मूक बधिर बच्चों की देखभाल में समाज का सहयोग अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसमें व्यापक सामाजिक सहयोग एवं समर्थन की आवश्यकता होती है ताकि इन बच्चों को भी समाज में समर्थ होने का अधिकार हो सके। यह निम्नलिखित तत्वों को ध्यान में रखता है:
- शिक्षा और जागरूकता:
- समाज को मंदबुद्धि और मूक बधिर बच्चों की जरूरतों और समस्याओं के प्रति जागरूक करना चाहिए। शिक्षा के माध्यम से सभी को इन बच्चों की अद्वितीयता और उनके साथी समाज के साथ बढ़ती समझ बताई जानी चाहिए।
- सामाजिक समर्थन:
- इन बच्चों को सामाजिक समर्थन प्रदान करने के लिए समाज में एक साजग और समर्पित माहौल बनाना आवश्यक है। यह समाज के अन्य सदस्यों की जागरूकता और सहयोग की आवश्यकता पर भी निर्भर करता है।
- सुरक्षित और सहानुभूति भरा वातावरण:
- समाज को इन बच्चों के लिए सुरक्षित और सहानुभूति भरा वातावरण प्रदान करना चाहिए, ताकि वे स्वतंत्रता से अपने पूर्ण पोटेंशियल को बहुतंत्री सकें।
- समृद्धि और रोजगार संबंधित समर्थन:
- समाज को इन बच्चों के लिए समृद्धि और रोजगार संबंधित समर्थन प्रदान करना चाहिए, ताकि वे अपने आत्म-विकास में समर्थ हो सकें।
- उच्च शिक्षा और प्रशिक्षण:
- समाज को इन बच्चों को उच्च शिक्षा और प्रशिक्षण के लिए सुविधाएं प्रदान करना चाहिए, ताकि वे अपने क्षमताओं को सही दिशा में ले सकें।
- संबंधों में समर्थन:
- परिवारों को और समाज को इन बच्चों के संबंधों को समर्थन देना चाहिए, ताकि वे अपने आत्म-मूल्य से जुड़े रह सकें और एक समर्थनपूर्ण सामाजिक संरचना में शामिल हो सकें।
इस प्रकार का सामाजिक सहयोग से, मंदबुद्धि और मूक बधिर बच्चे समाज के एक सकारात्मक, समर्थ और समाहित सदस्य बन सकते हैं। यह सभी का सामूहिक उत्तरदाताओं का कार्य है जो समाज को सबके समृद्धि और समर्थन की दिशा में बढ़ावा करने के लिए जुटा होते हैं।