हाँ, मंदबुद्धि और दिव्यांग बच्चों के लिए शिक्षा बहुत जरुरी है। यह उन्हें समाज में समाहित होने और उनके स्वतंत्र और समर्थ जीवन की दिशा में मदद करती है। इन बच्चों को उनकी विशेष आवश्यकताओं के अनुसार शिक्षा प्रदान करना चाहिए ताकि वे स्वतंत्रता और समाहित भूमिका में सकारात्मक योगदान कर सकें।
यह कुछ कारगर कारण हैं जो इन बच्चों के लिए शिक्षा को जरुरी बनाते हैं:
- समाज में समाहिति:
- शिक्षा के माध्यम से, मंदबुद्धि और दिव्यांग बच्चे समाज में समाहित हो सकते हैं। यह उन्हें समाज में अपनी जगह बनाने में मदद करता है और उन्हें स्वीकृति मिलती है।
- व्यक्तिगत समृद्धि:
- उन्हें व्यक्तिगत समृद्धि की दिशा में मदद करने के लिए विशेषज्ञों द्वारा तैयार की जाने वाली शिक्षा उपलब्ध होनी चाहिए।
- स्वाभाविक सहयोग:
- शिक्षा के माध्यम से, इन बच्चों को समाज में स्वाभाविक सहयोग की ओर बढ़ने का मौका मिलता है, जिससे उन्हें अच्छा समर्थन प्राप्त होता है।
- आत्मनिर्भरता:
- इन बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उन्हें उच्चतम स्तर की शिक्षा प्रदान करना चाहिए जो उन्हें अपने जीवन की दिशा में स्वतंत्रता प्रदान कर सके।
- समृद्धि का अधिकार:
- इन बच्चों को भी समृद्धि और समाज में अधिकार होता है, और इसके लिए शिक्षा महत्वपूर्ण है।
- सामाजिक समृद्धि:
- इन बच्चों को समाज में समृद्धि का हिस्सा बनाने के लिए उच्च स्तर की शिक्षा का होना अत्यंत महत्वपूर्ण है
, क्योंकि यह उन्हें विभिन्न क्षेत्रों में सशक्त बनाता है और उन्हें सामाजिक समृद्धि का अधिकार मिलता है।
- विकास का सामर्थ्य:
- शिक्षा इन बच्चों को सामर्थ्यिक बनाती है और उनके व्यक्तिगत और पेशेवर विकास में मदद करती है।
- अधिकार और समर्थन:
- उच्च स्तर की शिक्षा इन बच्चों को उनके अधिकार का समर्थन करने में मदद करती है और समाज में समर्थन प्रदान करने की क्षमता को बढ़ाती है।
- समृद्धि में योगदान:
- इन बच्चों को शिक्षा प्राप्त करने का मौका मिलने से समृद्धि में योगदान करने का सक्षमता मिलती है और समाज को रूढ़िवाद से मुक्ति मिलती है।
- समाज में सामंजस्य:
- इन बच्चों को शिक्षा के माध्यम से समाज में सामंजस्य बनाए रखने का मौका मिलता है और इससे समाज में विविधता और समृद्धि होती है।
इन तथ्यों से स्पष्ट है कि मंदबुद्धि और दिव्यांग बच्चों के लिए शिक्षा महत्वपूर्ण है और इन्हें समाज में समृद्धि और समाहित जीवन की दिशा में मदद करती है।
मानव सेवा आश्रम, बोकारो